Happay Raksha Bandhan : रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)के मूल और विकास के बारे में निश्चित रूप से इतिहासिक आधार नहीं है, क्योंकि यह एक परंपरागत त्योहार है और उसका शुरूआती इतिहास विश्लेषण में विशेषतः स्पष्टता नहीं हो सकती। हालांकि, यह त्योहार भारतीय संस्कृति में प्राचीन समय से ही मनाया जा रहा है और विभिन्न कथाओं और लोककथाओं के अनुसार इसका प्रारंभ महत्वपूर्ण घटनाओं से हुआ है।
Happay Raksha Bandhan : भारत में रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, महाभारत में ब्रह्मा की जननी देवर्षि नारद ने देवी अम्बा को एक विशेष राखी प्रदान की थी और उसे विचारण के लिए कहा था कि किसे उसे बांधना चाहिए। अम्बा ने इसका उत्तर दिया कि वह युद्ध में श्रीकृष्ण को चुनती हैं। इसके परिणामस्वरूप, श्रीकृष्ण ने उसकी रक्षा की और उसके लिए संतान की प्राप्ति के लिए उसकी सहायता की।
इसके अलावा, अन्य कई कथाएं भी हैं जो रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के उद्भव को संदर्भित करती हैं, लेकिन वास्तविक तौर पर त्योहार के आदिकाल का निश्चित रूप से पता नहीं चल पाता है। यह एक परंपरागत त्योहार है जिसका मुख्य उद्देश्य भाई-बहन के प्यार और संबंध को स्वीकृति देना और मजबूत करना होता है।
रक्षाबंधन, (Raksha Bandhan) भारतीय उपमहाद्वीप में मनाया जाने वाला एक पर्व है जो भाई-बहन के प्यार और बंधन को स्वीकारने का उत्सव है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का अर्थ होता है “रक्षा की बंधन” या “सुरक्षा का बंधन”। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जिसका मतलब होता है कि वे अपने भाई की सुरक्षा और खुशी की कामना करती हैं। भाई भी इस मौके पर अपनी बहन को उपहार देते हैं और उनकी कलाई पर विशेष रूप से बधाई देते हैं। इसके अलावा, यह एक परिवारिक उत्सव भी होता है जहाँ परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर खाने-पीने का आनंद लेते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) एक परंपरागत भारतीय त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मजबूती और दृढ़ता से जोड़ता है।